क्या कोई डा विंची साजिश थी?
डा विंची कोड को काल्पनिक कथानक के रूप में नज़रंदाज नहीं किया जा सकता। राजनीतिक उद्देश्यों के लिए ईसा मसीह को पुनः गढ़ने का इसका आधार सीधा ईसाई धर्म की नींव पर हमला करता है। इसके लेखक डैन ब्राउन ने राष्ट्रीय टेलीविज़न पर कहा कि कथानक के काल्पनिक होने के बावजूद वह यह मानते हैं कि यीशु की पहचान से संबंधित इसका वृत्तांत सत्य है। तो सत्य क्या है? आइए एक नज़र डालें।
• क्या यीशु ने मैरी मग्दलीनि से गुप्त रूप से विवाह किया था?
• क्या यीशु के देवत्व की गढ़ना कॉन्सटेंटाइन और गिरजा द्वारा किया गया था?
• क्या यीशु के वास्तविक रिकॉर्ड नष्ट कर दिए गए?
• क्या हाल में प्राप्त हुई हस्तलिपियां यीशु के बारे में सत्य बताती हैं?
क्या यीशु को पुनः गढ़ना किसी बड़े षड्यंत्र का परिणाम है? पुस्तक और फ़िल्म, डा विंची कोड के अनुसार बिल्कुल ऐसा ही हुआ। पुस्तक में यीशु के बारे में अनेक दावों से षड्यंत्र की बू आती है। उदाहरण के लिए, पुस्तक बताती है:
“यह कोई नहीं कह रहा कि यीशु पाखंडी थे, या उनका पृथ्वी पर आगमन हुआ और उन्होंने लाखों लोगों को बेहतर जीवन जीने के लिए प्रेरित िकिया था। हम केवल इतना कह रहे हैं कि कॉन्सटेंटाइन ने ईसा के गहरे प्रभाव और महत्व का फायदा उठाया था। और ऐसा करते हुए उसने ईसाई धर्म को ऐसा रूप दिया जिसे आज हम जानते हैं।”[1]
क्या डैन ब्राउन की सर्वाधिक बिकने वाली पुस्तक का चौंकाने वाला यह दावा सही हो सकता है? या इसके पीछे का आधार केवल एक अच्छी साजिश वाले उपन्यास का मसाला भर है—इस पर विश्वास करने के समान है कि अन्यदेशीय, रोज़वेल, न्यू मेक्सिको में दुर्घटनाग्रस्त हुए थे, या JFK की हत्या के समय घास के टीले में एक दूसरा हत्यारा भी था? कहानी दोनों ही तरह से सम्मोहक है। इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि ब्राउन की पुस्तक दशक की सर्वाधिक बिकने वाली कहानियों में से एक बन गई।
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