क्या यीशु, मसीहा थे?
इस बात का क्या प्रमाण है कि यीशु वही हैं, जिसका वे दावा करते हैं? हमें कैसे पता चलेगा कि वह कोई ढोंगी नहीं थे? आइए कुछ प्रख्यात ढोंगियों पर नजर डालें और देखें कि क्या यह उपाधि यीशु के लिए उपयुक्त है, या कुछ ऐसे प्रमाण हैं, जो उनके दावों का समर्थन करते हैं।
फर्डिनेंड वाल्डो डेमारा, जूनियर सर्वोत्तम ढोंगी कहलाते थे। डेमारा ने मनोवैज्ञानिक, यूनीवर्सिटी लेक्चरर, कॉलेज विभागाध्यक्ष, स्कूल टीचर, और जेल वार्डन का नकली रूप धारण किया। उन्होंने एक बोगस डॉक्टर के रूप में सर्जरी भी किए।
कुछ लोग तर्क देते हैं कि फ्रैंक एबेगनैल उससे भी बड़े ढोंगी थे। 16 और 21 वर्षों के बीच, एबेगनैल दुनिया के सफलतम ठगों में से एक थे। उन्होंने सभी 50 राज्यों और 26 विदेशी राष्ट्रों में 2.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर फर्जी चेक के माध्यम से भुनाए। उन्होंने फ्रेंच पुलिस द्वारा गिरफ्तार होने से पहले स्वयं को सफलतापूर्वक एयरलाइन पायलट, अटॉर्नी, कॉलेज प्रोफेसर और शिशु रोग विशेषज्ञ के रूप में पेश किया।
अगर यह कहानी कुछ जानी पहचानी लगे, तो शायद इसलिए कि आपने 2002 में आई मूवी कैच मी इफ़ यू कैन देखा हो, जिसमें एबेगनैल की भूमिका लियोनार्डो डि कैप्रियो ने निभाई थी (जो टाइटैनिक में अभिनेता के रूप में दिखाई दिए)।
एक ठग के रूप में एबेगनैल के प्रदर्शन को पीछे छोड़ने के लिए क्या चाहिए? शायद, अगर ईसा मसीह अपने दावे के अनुसार मसीहा नहीं थे, फिर तो कोई विवाद ही नहीं रहेगा। हम हज़ारों को ठगने की बात नहीं कर रहे, जैसा कि एबेगनैल के मामले में है। अगर ईसा मसीह एक ढोंगी थे, तो उनकी ठगी ने अरबों लोगों को धोखा दिया और 2,000 साल के इतिहास को बदल कर रख दिया।
तो क्या यीशु एक फर्जी मसीहा हो सकते हैं, जिसने प्रकांड धार्मिक विद्वानों को भी बेवकूफ बनाया? क्या यह संभव है कि उन्हें उनके माता-पिता या अज्ञात परामर्शदाता द्वारा तैयार किया था, ताकि वह बहुप्रतीक्षित राजा बन पाए, जिसका पूरा इज़राइल इंतजार कर रहा था? वास्तव में, यदि यीशु एक ढोंगी थे, तो भी, वह मसीहा होने के बारे में झूठ बोलने वाले इज़राइल के पहले व्यक्ति नहीं होते। यीशु के जन्म से सदियों पहले से लेकर, और उसके बाद तक, कई स्वयंभू मसीहा आए, लेकिन बाद में वे ठग या पागल ही निकले।
प्राचीन हेब्रू भविष्यवाणियों में भविष्य के एक ऐसे राजा के शासन का पूर्वानुमान किया था, जो इज़राइल में शांति लाएगा और उनका उद्धारक होगा। आशा की लहर वहाँ की धरती में बस गई तथा यहूदी आकांशा और अभिलाषा को मुग्ध कर दिया। ऐसा माहौल में, जैसा कि इज़राइल में व्याप्त था, क्या कोई कम योग्यताप्राप्त व्यक्ति मसीहा के रूप में पेश नहीं जा सकता, या वह स्वयं को उस रूप में ढाल नहीं लेता? इस प्रश्न का उत्तर मसीहा की ओर इशारा करने वाली ओल्ड टेस्टामेंट की भविष्यवाणियों में है।
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