क्या यीशु वास्तव में थे
क्या वाकई ईसा मसीह का कोई अस्तित्व था, या ईसाई धर्म हैरी पॉटर जैसे काल्पनिक पात्र पर बनी किसी पौराणिक कथा पर आधारित है?
लगभग दो हज़ार वर्षों से हमारी दुनिया के अधिकतर लोगों ने वास्तव में यीशु का अस्तित्व माना है जिनका असाधारण चरित्र, नेतृत्व और जिनकी प्रकृति पर शक्ति थी। परंतु आज कुछ लोग कह रहे हैं कि वे कभी थे ही नहीं।
कहा जाता है कि यीशु के अस्तित्व के खिलाफ तर्क, ईसा-मिथक सिद्धांत, यीशु जू़डीया की चट्टानी पहाड़ियों पर जाने के सत्रह शताब्दी बाद आरंभ हुआ।
अमेरिकनअथीस्टकेअध्यक्ष, एलनजॉन्सन ने सीएनएन टीवी पर लैरी किंग लाइव में ईसा-मिथक क विचार का सार प्रस्तुत किया:
इस बात का कणमात्र भी कोई लौकिक प्रमाण नहीं है कि कोई ईसा मसीह कभी थे …यीशु अन्य भगवानों के एक संकलन हैं…जिनका उद्गम और जिनकी मृत्यु पौराणिक ईसा मसीह के समान ही थी।
भौचक्के होकर मेज़बान ने जवाब दिया, “तो क्या आप विश्वास नहीं करते कि ईसा मसीह कभी थे?”
जॉनसन ने भावावेश में उत्तर दिया, “नहीं थे…इस बात का कोई लौकिक प्रमाण नहीं है कि ईसा मसीह कभी थे।”
किंग ने तुरंत ही एक मामूली ब्रेक का अनुरोध किया। अंतर्राष्ट्रीय टेलीविज़न दर्शक को संश्यात्मक छोड़ दिया गया।[1]
एक नास्तिक के रूप में ऑक्सफोर्ड विद्वान सी. एस. लुईस अपने आरंभिक वर्षों में यीशु को मिथक मानते थे और उनका विचार यह था कि सभी धर्म महज़ आविष्कार थे।[2]
वर्षों बाद, लुईस ऑक्सफोर्ड के छात्रावास के कमरे में एक मित्र के साथ आग के निकट बैठे थे। ऐसा मित्र जिनके बारे में वे कहते हैं “अभी तक जिन नास्तिकों को जानता हूँ उनमें सबसे अधिक कट्टर नास्तिक है।” अचानक उनके मित्र ने बिना सोचे समझे कहा, “ईसा चरित की ऐतिहासिकता का प्रमाण वास्तव में आश्चर्यजनक रूप से ठीक था…प्राय:ऐसा लगता है कि वास्तव में एक बार ऐसा कुछ हुआ था।”[3]
लुईस भौंचक्का हो गया। उनके मित्र द्वारा यीशु के लिए प्रमाण वास्तविक होने की इस टिप्पणी ने लुईस को स्वयं सत्य की जांच-पड़ताल करने के लिए प्रोत्साहित किया। यह उन्होंने यीशु के बारे में सत्य की खोज पर अपनी प्रतिष्ठित पुस्तक मियर क्रिश्चियानिटी में लिखा है।
तो, लुईस के मित्र ने ईसा मसीह के लिए क्या प्रमाण खोजा था?
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