पौलुसकीगवाही
यूहन्ना के विपरीत, धर्मदूत पौलुस (विगत काल में सौलुस) ईसाईयों के तब तक कट्टर विरोधी और उत्पीड़क थे जब तक कि यीशु उनके स्वप्न में प्रकट नहीं हुए थे। वर्षों बाद, पौलुस कुलुस्सियों को बताते हैं कि उन्होंने यीशु की पहचान के बारे में क्या जाना:
“वह अदृश्य परमेश्वर का दृश्य रूप है, वह सारी सृष्टि का सिरमौर है। क्योंकि जो कुछ स्वर्ग में है और नर्क में है उसीकी शक्ति से उत्पन्न हुआ है…सभी वस्तुओं का सृजन उसीके द्वारा हुआ है और उसी के लिए हुआ है। और सबसे पहले उसी का अस्तित्व था, उसी की शक्ति से सब वस्तुएं बनीं” (कुलुस्सियों 1:15-17 एनएएसबी)।
पौलुस इस वाक्य में कई महत्वपूर्ण बातें बताते हैं:
1. यीशु परमेश्वर की दृश्य रूप है
2. यीशु सृष्टि का सिरमौर है
3. यीशु ने सभी वस्तुओं का निर्माण किया
4. यीशु सृष्टि के कारण हैं
5. यीश आदि में थे
6. यीशु की शक्ति से सब वस्तुएं बनी
“परमेश्वर के दृश्य रूप” का क्या अर्थ है? ब्रूस टिप्पणी करते हैं: “यीशु को परमेश्वर का दृश्य रूप बताना ऐसा कहना है कि उनमें परमेश्वर का सत्व और प्रकृति एकदम सही तरह से प्रकट हुई—कि उनमें अदृश्य दृश्यमान बन गए।”9 इस प्रकार, परमेश्वर का यीशु में प्रकटन स्वयं यीशु द्वारा फिलिप्पुस को कहे इन शब्दों के अनुरूप है, “जिसने मुझे देखा उसने परम पिता को देख लिया” (यूहन्ना 14:9)।
पद 15 में, “पहली-उत्पत्ति” के लिए यूनानी शब्द (प्रोटोटोकोस) का अर्थ “बाद में जन्मे” के सामयिक अर्थ के बजाय “परम” है।[10] ब्रूस के अनुसार, पौलुस “यीशु के पूर्व-अस्तित्व और सृष्टि रचना में लौकिक गतिविधि का उल्लेख कर रहे हैं और “न केवल यीशु की प्राथमिकता बल्कि उनकी श्रेष्ठता का भी द्योतक है।”[11] इसे स्पष्ट करने वाला पद 16 है जो हमें बताता है कि ब्रह्मांड में सभी वस्तुओं का निर्माण ईसा मसीह के माध्यम से और साथ ही उनके लिए हुआ।
पद 17 में हम अनंत यीशु को सृष्टि संभालते हुए देखते हैं। पौलुस के अनुसार, प्रत्येक अणु, प्रत्येक डीएनए तंतु, और अरबों आकाशगंगा ईसा मसीह की शक्ति से जुड़े हुए हैं। इस प्रकार, यीशु ही वह हैं जिनसे सब कुछ उत्पन्न हुआ, वह जिनके लिए यह बनाया गया, और वह जो इन सबको जोड़े रखता है।
यहूदियोंकीगवाही
यहूदियों की नवविधान किताब[12] भी यीशु को सृष्टिकर्ता के रूप में दिखाती है। इसके आरंभिक वाक्य कुलुस्सियों को कहे गए पौलुस के शब्दों को प्रतिबिंबित करते हैं:
“दीर्घ काल से परमेश्वर ने पैगम्बरों के माध्यम से बहुत बार और अनेक तरीकों द्वारा हमारे पूर्वजों के साथ संवाद किया। लेकिन अब इन अंतिम दिनों में, उन्होंने अपने पुत्र के माध्यम से बातचीत की। परमेश्वर ने अपने पुत्र को सब कुछ विरासत के रूप में दिया और उसने पुत्र के माध्यम से ब्रह्मांड और इसकी प्रत्येक वस्तु का निर्माण किया। पुत्र स्वयं परमेश्वर के वैभव को दर्शाता है और उसकी हर चीज़ परमेश्वर को यथावत दर्शाती है। वह अपने आदेश की अपार शक्ति से ब्रह्मांड को संभालता है” (इब्रानियों 1:1-3a)
यूहन्ना और पौलुस की ही तरह, इब्रानियों के लेखक भी हमें बताते हैं कि यीशु के मनुष्य बनने से पूर्व परमेश्वर ने उनके माध्यम से ब्रह्मांड बनाया। और इब्रानियों में यह भी दर्शाया है कि ईसा मसीह ने ही इसे बनाए रखा है।
पद 3 यीशु का “अनंत परमेश्वर की सटीक छवि” के रूप में उल्लेख करता है।[13] यहाँ यूनानी शब्द का अर्थ है कि “पुत्र, परमेश्वर के वैभव की चमक और तेजोमंडल है।”14 यह कथन कि यीशु अनंत परमेश्वर की “सटीक छवि” हैं, इस बात की पुष्टि करता है कि धर्मदूत यीशु को पूर्ण रूप से परमेश्वर मानते थे।
इब्रानियों के लेखक फिर आगे बताते हैं कि यीशु न केवल पैगम्बरों से श्रेष्ठ हैं बल्कि वे फ़रिश्तों से भी बहुत ऊपर हैं।
“इससे पता चलता है कि परमेश्वर के पुत्र फ़रिश्तों से काफी बड़े हैं बिल्कुल उसी प्रकार जैसे परमेश्वर द्वारा दिया गया नाम उन सबके नामों से बहुत बड़ा है” (इब्रानियों 1:4)।
जॉन पाइपर वर्णन करते हैं कि क्यों यीशु फ़रिश्तों से काफी बड़े हैं:
“स्वर्ग में किसी भी फ़रिश्ते को उतना सम्मान और स्नेह नहीं मिला जितना अपने परमपिता की अनंतता से पुत्र को प्राप्त हुआ। फ़रिश्तों के इतने महान और अद्भुत होने पर भी, उन्होंने पुत्र से कभी प्रतिस्पर्धा नहीं की…..परमेश्वर का पुत्र फ़रिश्ता नहीं है— यहाँ तक की महान फ़रिश्ता भी नहीं है। उल्टा परमेश्वर कहते हैं, ‘परमेश्वर के फ़रिश्तों को उसकी आराधना करने दें!” (इब्रानियों 1:6)। परमेश्वर का पुत्र उन सभी आराधनाओं के योग्य है—जो हमारे अतिरिक्त,स्वर्गदूत कर सकते हैं।”[15]
इब्रानियों के लेखक फिर यीशु के देवत्व को प्रकट करते हैं:
“परंतु पुत्र के रूप में, वे [परम पिता] उन्हें कहते हैं, ‘हे प्रभु, तुम्हारा सिंहासन हमेशा और हमेशा के लिए है….” इब्रानियों 1:8 परिवर्धित बाइबिल)
इब्रानियों में बाद में, हमें पता चलता है कि ईसा मसीह “बीते कल, आज, और हमेशा एक ही हैं,” उनके अनंत देवत्व के बारे में एक स्पष्ट कथन (इब्रानियों 13:8). कोई मनुष्य आज और बीते कल समान नहीं होता क्योंकि एक ऐसा भी समय रहा होगा जब वह मौजूद ही नहीं था। इब्रानियों के इन वाक्यों का इस तथ्य के अलावा कोई और अर्थ निकालना बहुत मुश्किल होगा कि यीशु पूर्व विधान में बताए गए परमेश्वर के अलावा कुछ और हैं, जिन्होंने अपने परम पिता और पवित्र आत्मा के साथ ब्रह्मांड का निर्माण किया।
धर्मदूतों को यह जान कर बहुत अचंभा हुआ होगा कि जिसे उन्होंने रोमन सूली पर खून से लथपथ लटकते देखा उसी ने वह पेड़ बनाया जिससे सूली बनी थी और साथ ही उसी ने उस आदमी को भी बनाया जिसने उस पर कील ठोकी थीं।